
23 अक्टूबर ,भोराकलां, हरियाणा
हरियाणा के भोराकलां गांव में आज गोवर्धन पूजा का पर्व बड़े ही उत्साह, भक्ति और परंपरा के साथ मनाया गया। दिवाली के अगले दिन मनाए जाने वाले इस पर्व पर गांव के मंदिरों और गलियों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर घर में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की गई और गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर उसकी पूजा-अर्चना की गई।
भक्ति और परंपरा का संगम
भोराकलां गांव की गलियां आज रंगोली, फूलों और दीपों से सजी हुई नजर आईं। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर मंदिरों में पूजा करती दिखीं, वहीं बच्चों ने भी उत्साह के साथ पर्व की तैयारियों में हिस्सा लिया।
भक्तों ने गोवर्धन पर्वत की प्रतिकृति को फूलों और पत्तों से सजाया और भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारी। पूजा के बाद प्रसाद वितरण और सामूहिक भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल हुए।
भक्ति गीतों से गूंजा गांव
सुबह से ही गांव के मंदिरों में भजन-कीर्तन का दौर शुरू हो गया था। “गोवर्धन धरणे वाले, गिरधारी लाल” जैसे भक्ति गीतों की गूंज पूरे वातावरण में भक्ति का रंग भर रही थी।
महिलाओं ने समूह में भजन गाए और बच्चों ने श्रीकृष्ण लीला की झांकियां प्रस्तुत कीं। गांव का हर कोना भक्ति और उल्लास से भरा हुआ नजर आया।
गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के अहंकार को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था, ताकि वृंदावन वासियों को मूसलाधार बारिश से बचाया जा सके।
तभी से इस दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘अन्नकूट उत्सव’ के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाते हैं, जो समृद्धि और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक है।
वीडियो में देखें गोवर्धन उत्सव की झलकियां
भोराकलां गांव में आयोजित इस भव्य उत्सव की कई खूबसूरत झलकियां सामने आई हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण एकजुट होकर इस पारंपरिक पर्व को जीवंत बना रहे हैं। दीपों की रोशनी, भक्ति संगीत और श्रद्धा से भरे चेहरे इस त्योहार को और भी खास बना रहे हैं।
गोवर्धन पूजा का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद भी दिलाता है। भोराकलां गांव के लोगों ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब आस्था और एकता साथ हो, तो हर पर्व और भी सुंदर बन जा