
18 september 2025 /मराठा आरक्षण: मुंबई हाई कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज की, सुप्रीम कोर्ट में जाएगी लड़ाईमराठा आरक्षण से जुड़े अहम मामले में मुंबई उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता विनीत धोत्रे द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका 2 सितंबर के उस सरकारी आदेश (जीआर) को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी, जिसमें हैदराबाद गजेट के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई थी।अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला जनहित याचिका के दायरे में नहीं आता। यदि सरकार के आदेश को चुनौती देनी है तो इसके लिए उचित तरीका रीट याचिका दाखिल करना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस विषय पर पहले से कई रीट याचिकाएं लंबित हैं, इसलिए अलग से जनहित याचिका दाखिल करने की जरूरत नहीं है।
मुंबई हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह छूट दी कि वे चाहें तो इसे रीट याचिका के रूप में सक्षम खंडपीठ के सामने रख सकते हैं। हालांकि, अधिवक्ता विनीत धोत्रे का कहना है कि उनकी याचिका वास्तव में जनहित से जुड़ी थी, इसलिए इसे खारिज करना उचित नहीं है। इसी आधार पर उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।यह घटनाक्रम मराठा आरक्षण आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल, 2 सितंबर को मनोज जरांगे ने अपना अनशन खत्म किया था। इसके कुछ ही घंटे बाद महाराष्ट्र सरकार ने जीआर जारी किया था। इसमें मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को कुणबी, मराठा-कुणबी या कुणबी-मराठा श्रेणी में जाति प्रमाणपत्र देने की स्पष्ट प्रक्रिया तय की गई थी। साथ ही 58 लाख मराठों के कुणबी रिकॉर्ड ग्राम पंचायतों में दर्ज करने, वंशावली समिति गठित करने और शिंदे समिति को कार्यालय मुहैया कराने का निर्णय भी लिया गया था।