गुरुग्राम
जीवन में आध्यात्मिकता और भक्ति के आने से जीवन सहज हो जाता है और महिला अपने गृहस्थ को पावन बना लेती है। उक्त उद्गार संत निरंकारी मंडल की सचिव डॉ. प्रवीण खुल्लर ने गुरुग्राम के महिला संत समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हर एक्शन का रिएक्शन होता है। जब नाता प्रभु निरंकार से जुड़ जाता है, जीवन में भक्ति आ जाती है तो रिएक्शन रिस्पांस में तब्दील हो जाता है। विवेकपूर्ण तरीके से दिया गया जवाब किसी नुकसान का कारण नहीं बनता। यदि व्यक्ति से किसी गलती या कारण से दूसरे का नुकसान भी हो जाता है तो उसे तुरंत रिएक्शन न करके प्रेम पूर्वक रिस्पांस करना चाहिए।
उन्होंने फरमाया कि आज हमारे बीच सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी एक नारी के रूप में है और निरंतर उनका आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। इस परमपिता परमात्मा निरंकार के साथ जुड़कर प्रत्येक अपने जीवन को सरल, सहज और सकूनमय बना रहा है।
महिला संत समागम में गुरुग्राम जिले की महिला संत बहनों ने भाग लिया और व्याख्यान, भजन, गीत, कविता और स्किट के माध्यम से अपने भक्ति भरे और श्रद्धा पूर्वक भाव व्यक्त किए। सभी ने आपसी प्रेम, मिलवर्तन, एक दूसरे को स्वीकार करने और प्रेरणा देने के संदेश दिए।
गत सांय स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 31 पर आयोजित महिला संत समागम पर गुरुग्राम की संयोजक बहन निर्मल मनचंदा ने सभी का आभार व्यक्त किया।