- श्रमिकों की बेटियों को ई-स्कूटी खरीदने के लिए दी जाती है 50,000 की प्रोत्साहन राशि
गुरुग्राम, 22 अक्टूबर
हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में शुरू किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने तथा बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सरकार की ओर से श्रमिक कल्याण विभाग के माध्यम से श्रमिकों की स्नातक स्तर की शिक्षा ग्रहण करने वाली बेटियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने के लिए 50,000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। डीसी
निशांत कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना के तहत स्कूटी केवल उन्हीं छात्राओं को दी जाएगी जिनके माता-पिता श्रमिक हैं और उनका पंजीकरण श्रम और कल्याण विभाग में हो चुका है। इसके तहत छात्रा का दाखिला कॉलेज में होना जरूरी है। इसके लिए श्रमिक परिवार को अपनी ही पंजीकरण आईडी के माध्यम से आवेदन करना होगा।
एक बेटी पढ़ेती तो दो कुलों को करेगी रोशन : डीसी
डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि सरकार की सोच है कि एक बेटी पढ़ेगी तो दो कुलों को रोशन करेगी और उन्हें आगे बढ़ाने में योगदान देगी। उन्होंने कहा कि बालिका व महिलाओं का शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है। यदि बलिका व महिलाएं शिक्षित होंगी तो समाज शिक्षित होगा जो देश को आगे बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। सरकार की ओर से बेटियों के पढऩे के लिए हर 20 किलोमीटर पर सरकारी महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं ताकि बेटियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहीं दूर न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि बेटियों को कॉलेज तक जाने के लिए अच्छी परिवहन सुविधा मुहैया करवाई जा रही है ताकि बेटियों को शिक्षा ग्रहण करने में कोई परेशानी न आए। उन्होंने परिजनों का आह्वïान किया कि वे अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने में अपना पूर्ण सहयोग करें। इसके साथ ही अगर कोई बेटी शिक्षा के अलावा किसी खेल में रूचि रखती है तो उसे खेल क्षेत्र में जाने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां महिलाएं अपनी मेहनत के दम पर अपना व अपने परिवार सहित देश का नाम रोशन न कर रही हों।