सिरसा,18 अगस्त
हरियाणा राज्य परिवहन के सिरसा डिपो सांझा मोर्चा ने वर्कशॉप गेट पर 2 घंटे सरकार के खिलाफ कर्मचारियों की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। धरना की अध्यक्षता हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा सिरसा डिपो के नेता पृथ्वी सिंह चाहर, आत्माराम बरासरी, मोहनलाल सहारण व सीता सिंह ने की.
चमन लाल राज्य मुख्य सलाहकार ने बताया कि सांझा मोर्चा द्वारा 23 जून 2023 को परिवहन मंत्री प्रधान सचिव परिवहन विभाग के साथ बैठक हुई थी, जिसमें बहुत से मांगों पर सहमति बनी थी। जिनमें से एक दो मांगों को छोड़कर बाकी सभी मांगें पेंडिंग पड़ी है, जिन पर सरकार गंभीर नहीं है। सरकार द्वारा दिखाई जा रही उदासनीता के विरोध में ही वीरवार 17 अगस्त को सांझा मोर्चा के आह्वान पर दो घंटे का विरोध प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा किसरकार ने जल्द मांगों पर संज्ञान नहीं लिया तो हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर बड़ा आंदोलन करने मजबूर होंगे। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल यूनियन से प्रधान निर्मल सिंह, एसकेएस जिला वरिष्ठ उपप्रधान मदनलाल खोथ, शैलेंद्र रानियां, शेर सिंह खोड, निर्दोष कुलडिय़ा, विनोद ढाका, धर्मवीर सिंह सहारण, सुरेंद्र सिंह, चमन लाल क्लर्क पे ब्रांच, नरेश कुमार क्लर्क, लादूराम, सुखदर्शन लवली, सतवीर सिंह, जोगिंद्र यार्ड मास्टर, शिवराज सिंह, जगदीश, विनोद खारिया, सतपाल खान प्रवीण कुमार मौजूद रहे।
ये है कर्मचारियों की मुख्य मांगें:
परिचालक व लिपिकों का पे गे्रड 19900 से 35400 किया जाए। चालकों को हैवी पे ग्रेड 53100 दिया जाए। डिपे स्तर पर कार्यालय में सां ियकी सहायक, सहायक लेखाकार, जुनियर ऑडिटर के पदों पर कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रमोशन का अनुभव 12 वर्ष की बजाय 5 वर्ष का किया जाए। ऑनलाइन तबादला पॉलिसी के तहत किए गए तबादले रद्द किए जाएं। 2002 में भर्ती हुए चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए.
रूका हुआ वेतन दिया जाए। चालकों को अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित कर प्रमोशन की जाए। विभाग में जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपए जोखिम भत्त्ता दिया जाए। कर्मशाला व स्टोर के वंचित कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान दिया जाए। कर्मशाला में वर्षों से रिक्त पड़े पदों को भरा जाए। सभी प्रकार के सुपरवाइजर हैड से एसएसआई की प्रमोशी की जाए। हरियाणा सरकार की अधिसूचना अनुसार किराया राऊंड फिगर में किया जाए। 265 प्राइवेट परमिट देने की पॉलिसी को रद्द किया जाए.