प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने
बनवाया सीएम उपहार पोर्टल
उपहार पोर्टल पर नीलामी के लिए रखे कुल 51 उपहारों को मिला 1 करोड 14 लाख 95 हजार रुपए का डोनेशन
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की थ्री डी प्रिंटेड प्रतिमा की लगाई गई 21 लाख रुपए की बोली
मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा होगी डोनेशन राशि और जन कल्याण के कार्यों पर खर्च की जाएगी
मुख्यमंत्री ने सिद्ध कियाः हर हरियाणवी उनके परिवार का सदस्य
चंडीगढ़। खुद को मिले उपहारों को नीलाम कर उससे मिले डोनेशन को जन कल्याण के कार्यों में लगाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचार से प्रेरित होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा बनवाए गए उपहार पोर्टल को ज़बरदस्त रिस्पॉंस मिला है। हरियाणा में किसी मुख्यमंत्री ने पहली बार यह कार्य किया है जो साबित करता है कि मुख्यमंत्री जब यह कहते हैं कि पूरा हरियाणा ही उनका परिवार है तो यह सिर्फ़ एक बयान भर नहीं होता बल्कि इसमें पूरी सच्चाई निहित होती है। मुख्यमंत्री को मिले उपहारों की नीलामी से प्राप्त डोनेशन को समाज की भलाई के लिए ही खर्च किया जाएगा। उपहार पोर्टल के जरिए नीलामी के लिए रखे गए कुल 51 उपहारों को 1 करोड 14 लाख 95 हजार रुपए का डोनेशन मिला है।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव व सूचना, जनसम्पर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि श्री मनोहर लाल की थ्री डी प्रिंटेड प्रतिमा की 21 लाख रुपए की बोली लगाई गई है। अर्जुन रथ की आकृति को 6 लाख 41 हजार रुपए, कामाख्या देवालय की आकृति को 5 लाख 80 हजार रुपए और राम जन्म भूमि मंदिर की प्रतिमा को 1 लाख 75 हजार रुपए की बोली लगाई गई है। उन्होंने कहा कि उपहारों से प्राप्त धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा होगी और इसे जन कल्याण के कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान सामाजिक संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा सम्मान स्वरूप भेंट किए गए उपहारों को नीलाम करने का निर्णय लिया था। श्री मनोहर लाल की इस पहल के बाद मुख्यमंत्री उपहार पोर्टल लॉन्च किया गया और पहले चरण में 28 फरवरी तक 51 उपहारों की नीलामी की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उपहार पोर्टल पर हर उपहार के साथ उसकी बेस राशि अंकित की गई थी। उन्होंने बताया कि पहले चरण की नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री स्वयं अपने कर कमलों से बोली दाताओं को उपहार को ससम्मान भेंट करेंगे। हालांकि यदि बोली दाता चाहे तो वह उपहार कोरियर से भी प्राप्त कर सकता है।