विकास कार्य को गिनाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि विकास कार्य अपने आप बोलते है
- चंडीगढ़, 20 जुलाई : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने राबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट मामले में कहा कि एसआईटी जांच कर रही है और कुछ दस्तावेज यूनियन बैंक से मांगे गए थे, उस संबंध में बैंक ने बताया है कि बाढ़ आने की वजह से कागज सारे खराब हो गए है और ये जवाब संतोषजनक नहीं था। उन्होंने कहा कि एसआईटी ने बैंक से दोबारा डिटेल मांगी है कि सिर्फ स्काईलाइट के कागज ही खराब हुए है या जो अन्य प्लेडेज प्रॉपर्टीज के कागज भी खराब हुए है, इस बारे में जानकारी मांगी गई है।
- विज यहां पत्रकारों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के स्काईलाइट कंपनी के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि जल्द ही इस मामले में हमें जानकारी मिले।
- चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए भूमि को लेकर पंजाब का विरोध करना वाजिब नही – विज
- चंडीगढ़ में हरियाणा विधान सभा के लिए मिली भूमि के खिलाफ पंजाब कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विरोध और राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पाकिस्तान के नेता भारत का विरोध किए बिना अपनी राजनीति नही कर पाते, उसी प्रकार से पंजाब में भी ऐसी ही मानसिकता बनती जा रही है कि हरियाणा का हर मामले में विरोध करना है। उन्होंने कहा कि ये नेता जनता में तभी स्वीकार्य होंगे जब वो हरियाणा का किसी न किसी बिंदु पर विरोध करते हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में भूमि को लेकर कहा कि पंजाब का विरोध करना वाजिब नही है और हमने अपनी जमीन अप्लाई की है। सारे विषयों को ध्यान में रखकर ये हमारा जमीन का मामला विचाराधीन है।
- राज्य में बाढ़ को लेकर किया जा रहा है आकलन – विज
- राज्य में आई बाढ़ के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस संबंध में आंकलन किया जा रहा है और सभी संबंधित विभागों को अपना अपना आंकलन करने के लिए निर्देश दिए गए है। इसके अलावा, नुकसान के बारे में भी आंकलन किया जा रहा है और इस बारे में पोर्टल लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी तरह से आंकलन करने के बाद ही राज्य सरकार अपनी मांग केंद्र से करेगी।
- जनता सब सच जानती है – विज
- पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला द्वारा सरकार पर विकास को लेकर दिए गए बयान के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता सब सच जानती है और विकास कार्य को गिनाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि विकास कार्य अपने आप बोलते है।