राम नवमी पर शस्त्र लहराने के मामले में भाजपा के पूर्व नेता कुलभूषण भारद्वाज गिरफ्तार, थाने में भी नारे लगाए जय श्री राम
बचाव पक्ष तगड़ा रहा जिस कारण से पुलिस की किरकिरी हुई
गुरुग्राम, 21 जून । गत 2 अप्रैल को राम नवमी पर शहर में शोभा यात्रा निकालकर अस्त्र-शस्त्र लहराने के आरोप में भाजपा के पूर्व नेता एवं बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान कुलभूषण भारद्वाज को शहर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया . लेकिन अदालत में पुलिस आरोप साबित नहीं कर पाई इसलिए अदालत ने आरोपी को तुरंत अंतरिम जमानत पर छोड़कर कल दोबारा पुलिस और उन्हें पेश होने का आदेश दिया है।
इससे पहले खूब ड्रामा हुआ कुलभूषण भारद्वाज की गिरफ्तारी की खबर पाकर शहर थाना में भाजपा के लिए काम करने वाले हिंदू संगठनों के काफी लोग पहुंच गए और उन्होंने जमकर जय श्री राम नारे लगाए यह भी नारे लगाए की भारत में रहना है तो जय श्री राम कहना होगा।
कुलभूषण भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने राम नवमी पर शोभा यात्रा निकाली थी। भगवान के अस्त्र-शस्त्र लेकर चल रहे थे। पहले तो अज्ञात केस दर्ज किया गया था। उन्हें पूछताछ के लिए दो-तीन दिन से बुलाया जा रहा था। वे किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे।
बुधवार को थाना शहर की ओर से राम नवमी की शोभा यात्रा के संबंध में वे पूछताछ के बुलावे पर पहुंचे। यहां पहुंचते ही उन्हें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। कुलभूषण भारद्वाज ने जोश के साथ कहा कि अगर भगवान श्री राम के नाम से जयघोष करना अपराध है तो वे यह अपराध बार-बार करेंगे। उनके खून का कतरा-कतरा भी श्री राम के नाम है।
पेशेवर अधिवक्ता कुलभूषण भारद्वाज ने यह भी कहा कि रामनवमी के दिन तलवार और शस्त्र किसी को डराने धमकाने के लिए नहीं थे बल्कि यह तो हमारे आराध्य देव देवी देवताओं के शस्त्र हैं और अकसर रामनवमी के दिन इन्हें निकाल कर प्रदर्शित किया जाता है। रास्ते में तो मंदिर भी आए थे मस्जिद भी और गुरुद्वारा भी था। परंतु हमारा मकसद किसी धर्म विशेष को लेकर प्रदर्शन नहीं था। पुलिस ने खुद ही पर्चा दर्ज किया है। और मनगढ़ंत कहानी बनाई है ताकि इसे लेकर लोगों में भ्रम पैदा हो तथा सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़े खुद पुलिस ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए बीज बोने की कोशिश की है। जनता की ओर से किसी को कोई एतराज नहीं था।
आज अदालत में अधिवक्ताओं की छुट्टी थी इसलिए कुलभूषण भारद्वाज के पक्ष में वकील लोग कम थे लेकिन पता लगने पर काफी जमा हो गए। अदालत के बाहर भारी भीड़ जमा थी। इसलिए भारी पुलिस बल भी मौजूद किया गया था । कुलभूषण भारद्वाज को ड्यूटी मजिस्ट्रेट आजाद सिंह की अदालत में पेश किया गया और पुलिस की ओर से एसीपी भी मौजूद थे। उन्होंने कुलभूषण भारद्वाज को रिमाड मांगने की बजाए न्यायिक हिरासत भेजने की मांग की थी। जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया और आरोप पत्र दिखाने की मांग की थाना प्रबंधक वेदपाल भी मौजूद थे लेकिन भी कोई सबूत पेश नहीं कर पाए। पुलिस का आधा अधूरा काम अदालत को अखरा और उनकी परेशानी स्पष्ट रूप से अदालत में दिखाई दे रही थी। मामले को लेकर बचाव पक्ष तगड़ा रहा जिस कारण से पुलिस की किरकिरी हुई।
लंबी बहस और काफी समय बाद अदालत ने कुलभूषण भारद्वाज को कल तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया कल पेश होने का आदेश दिया वही पुलिस को भी कहा कि वे अपने आरोप पत्र लेकर आएं तथा तैयारी करके आएं।
कुलभूषण भारद्वाज जिला भाजपा के अध्यक्ष एवं विभिन्न हिंदू संगठनों के नेता रह चुके कुलभूषण भारद्वाज को भाजपा ने निलंबित कर दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करते हैं भाजपा का कोई भी नेता गुरुग्राम में आता है तो वे उनके साथ होते हैं। अदालत से बाहर आते ही कुलभूषण भारद्वाज ने फिर कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह बात साफ कर दी है कि उनकी सरकार भाजपा की नहीं है बल्कि भारत और हिंदू विरोधी बंगाल की सरकार जैसी सरकार है बंगाल में भी हिंदू और भगवान राम की बात करना मना है उसी तरह मनोहर लाल की सरकार में भी भगवान श्रीराम के नारे लगाना अपराध है।