गाजियाबाद, 4 नवंबर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वकीलों पर पुलिस की लाठियां चलवाने के कारण वकीलों में भारी आक्रोश पैदा हो गया है। इस घटनाक्रम के बाद वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, जिससे अदालतों में चल रहे मामलों पर गंभीर असर पड़ेगा।
वकील अब मांग कर रहे हैं कि लाठीचार्ज की जांच किसी उच्च अधिकारी या विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कराई जाए। इस हड़ताल के चलते न केवल अदालतों का कामकाज प्रभावित होगा, बल्कि आम लोगों को भी न्याय मिलने में कठिनाई होगी।
इस आंदोलन के जरिए वकील अपनी आवाज उठाकर सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं, और यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।
गाजियाबाद, यूपी में आज से वकीलों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है, जिसका समर्थन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) ने भी किया है। यह हड़ताल न्यायालय में वकीलों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में की जा रही है।
लाठीचार्ज की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराई जाए।
गाजियाबाद के जिला जज के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल करने का भी निर्णय लिया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि सोमवार से कचहरी में अनिश्चितकालीन हड़ताल और धरना प्रदर्शन शुरू होगा।
पूरे प्रदेश के वकील न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं।
रविवार को हुई आपात बैठक में इस हड़ताल का प्रस्ताव पास किया गया, जिससे पूरे प्रदेश के वकील न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। इस आंदोलन का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में हो रहे इस व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना है।