19 September 2025/संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी BLA और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस संयुक्त प्रस्ताव को रोक दिया।ये फैसला उस समय आया है जब हाल ही में अमेरिका ने खुद BLA और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था।यूएन की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत यह प्रस्ताव पेश किया गया था। इस तंत्र के अंतर्गत उन व्यक्तियों और संगठनों पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियारों पर रोक लगाई जाती है जिनका सीधा संबंध अल-कायदा, तालिबान या आईएसआईएल से हो। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कहा कि BLA और मजीद ब्रिगेड को इन संगठनों से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं, इसलिए प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने सुरक्षा परिषद में दावा किया कि आईएसआईएल-के, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, BLA और मजीद ब्रिगेड जैसे संगठन अफगानिस्तान से संचालित हो रहे हैं और वहीं से पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं। उनका कहना था कि आतंकवाद पाकिस्तान की सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है और इसके लिए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्व पूरे करने होंगे।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका पहले ही BLA और मजीद ब्रिगेड पर नजर बनाए हुए है। पिछले महीने अमेरिका ने दोनों को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। इससे पहले 2019 में भी अमेरिका ने BLA को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी संगठन यानी SDGT की सूची में शामिल किया था। तब से लेकर अब तक यह संगठन कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है, जिनमें मजीद ब्रिगेड द्वारा किए गए आत्मघाती हमले भी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रुकने के बाद पाकिस्तान और चीन की कोशिशों को झटका लगा है। हालांकि अमेरिका और उसके सहयोगियों का रुख साफ है जब तक पुख्ता सबूत नहीं मिलते, तब तक किसी नए संगठन को 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल करना संभव नहीं है।