विश्व दृष्टि दिवस पर निरामया संस्थान ने लगाया चिकित्सा शिविर
गुरूग्राम, 12 अक्तूबर। आंखों की देखभाल हमारे जीवन में अति आवश्यक है। आंखों के बिना इस संसार में आदमी का जीना मुश्किल हो जाता है। विश्व दृष्टि दिवस के उपलक्ष्य में गुरूकुल बंधवाड़ी में आयोजित नेत्र चिकित्सा शिविर को संबोधित करते हुए भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी मनिंद्र कौर बिश्वास ने ये शब्द कहे। निरामया चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डा.त्रिलोकनाथ आहूजा ने इस अवसर पर मुख्यअतिथि का स्वागत किया। मनिंद्र कौर बिश्वास ने कार्यक्रम में कहा कि हर साल अक्तूबर के दूसरे वीरवार को विश्व दृष्टिï दिवस मनाया जाता है। इसीलिए आज वल्र्ड साइट डे पर इस कैंप का आयोजन किया गया है। उन्होंने इस आयोजन के लिए निरामया संस्था और आहूजा आई एंड डेंटल इंस्ट्यिूट की सराहना की और कहा कि वर्तमान जीवनशैली से आंखों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। इसलिए नियमित रूप से आंखों की जांच करवानी चाहिए।
दवाईयों से आंख की पुतली ठीक ना हो तो इसका एकमात्र समाधान सर्जरी करवाना ही है।
शिविर में नेत्र विशेषज्ञ डा. त्रिलोकनाथ आहूजा ने बताया कि तनाव, प्रदूषण, बढ़ती उम्र, आंखों की अनुचित देखभाल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि के कारण आंखों में सूजन, कैटरेक्ट, ग्लोकोमा, संक्रमण व रेटिना से संबधित रोग होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दवाईयों से आंख की पुतली ठीक ना हो तो इसका एकमात्र समाधान सर्जरी करवाना ही है। जिसे कोर्निया ट्रांसप्लांट कहा जाता है। डा. आहूजा ने बताया कि गुरूग्राम के सैक्टर 9 में भी आज बच्चों की आंखों का चेकअप किया गया और उनको चश्में बांटे गए। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। नेत्रदान से हम किसी रोगी को दोबारा आंखें दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में निरामया आई बैंक की स्थापना की गई थी। अभी तक संस्थान को 3362 नेत्रदान के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 1267 को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है। उनके अस्पताल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मोतियाबिंद के 1500 से अधिक आप्रेशन किए जा चुके हैं। इस अवसर पर नेत्र रोगियों को संस्थान की ओर से आंखों की दवाईयां भी बांटी गई। कार्यक्रम में निरामया चैरिटेबल ट्रस्ट के मेडिकल डायरेक्टर डॉ हितेन्द्र आहूजा, दा अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन की ओर से चाँदनी शाह, प्रियंका लोहिया , प्रियंका चौहान और ज्योति उपस्थित रहे।