हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल होंगे मुख्य अतिथि, केन्द्रीय राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान होंगें विशिष्ट अतिथि
समारोह में सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य की स्मृति में जारी की जाएगी डाक टिकट
नई दिल्ली, 5 अक्तूबर- हरियाणा सरकार द्वारा आगामी 7 अक्तूबर को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में ‘संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना’ के अंतर्गत सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य के राज्याभिषेक दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगें जबकि केन्द्रीय संचार राज्यमंत्री देवूसिंह चौहान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होंगें। इस समारोह में सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य की स्मृति में एक डाक टिकट जारी कर विमोचन किया जाएगा।
‘संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना’ के तहत यह आयोजन किया जा रहा है,डॉ. अमित अग्रवाल
इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की ‘संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना’ के तहत यह आयोजन किया जा रहा है। समारेाह में केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार प्रो. रविन्द्र शर्मा, केन्द्र सरकार के पूर्व सचिव श्री विश्वपति त्रिवेदी, दिल्ली सर्कल की चीफ पोस्ट मास्टर जनरल श्रीमती मंजू कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित होंगे।
मध्यकालीन भारतीय इतिहास के 22 युद्धोें में लगातार विजयी रहे सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य
सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य, जिन्हें हेमू के नाम से भी जाना जाता है, के संबंध में जानकारी देते हुए डॉ अमित अग्रवाल ने बताया कि आज से लगभग 450 वर्ष पहले, मध्यकालीन भारतीय इतिहास में, 22 युद्धों में लगातार विजयी रहे व अकबर की फौजों को हराकर दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले, सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य ऐसे हिन्दू राजा थे जिनमें वीरता, रणनीतिक कौशल और राजनीतिक दूर दृष्टि का अद्भुत मेल था। उन्होंने बताया कि कई इतिहासकारों ने उनकी शूरवीरता, निर्भीकता और सफलता के दृष्टिगत हेमू को मध्यकालीन भारत का नेपोलियन कहकर संबोधित किया है।
रेवाडी में सम्राट हेमू ने अपनी शिक्षा ग्रहण की, विभिन्न भाषाओं का प्राप्त किया ज्ञान
डॉ. अमित अग्रवाल ने सम्राट हेमू के शुरूआती जीवन और हरियाणा के रेवाडी में आकर बसने के संबंध में प्रकाश डालते हुए बताया कि इतिहासकारों के अनुसार सम्राट हेमू का जन्म संन 1501 में राजस्थान के अलवर जिले के ‘मछेरी’ नामक एक गांव में राय पूर्ण दास के यहां हुआ था। इनके पिता पुरोहिताई का कार्य करते थे व सन् 1516 में व्यापार करने के लिए मछेरी से रेवाडी चले आए। रेवाडी उन दिनों एक अच्छा-खासा व्यापार केन्द्र था और रेवाडी में रहते हुए ही सम्राट हेमू ने अपनी शिक्षा ग्रहण की और विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।
सम्राट हेमू ने एक ही दिन में अकबर की फौजों को हराकर दिल्ली की फतेह
उन्होंने बताया कि इतिहासकारों के अनुसार सम्राट हेमू ने अपने जीवनकाल के दौरान इटावा, काल्पी, बयाना आदि सूबों पर बडी ही सरलता से कब्जाकर कर वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी भागों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। इसके बाद 6 अक्तूबर, 1556 को तुगलकाबाद के पास मात्र एक दिन की लडाई में हेमू ने अकबर की फौजों को हराकर दिल्ली को फतेह कर लिया। तत्पश्चात 7 अक्तूबर, 1556 को सम्राट हेमू का दिल्ली के पुराने किले (जो वर्तमान में प्रगति मैदान के सामने हैं) में अफगान तथा राजपूत सेनानायकों के सानिध्य में पूर्ण धार्मिक विधि-विधान से राज्याभिषेक किया गया।