राजेन्द्र कुमार
सिरसा। स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ इंस्पेक्टर देवेंद्र मोंगा के लापता होने के रहस्य से पर्दा उठ गया है। लगभग 23 माह पूर्व वीडियो जारी करके गायब हुए देवेंद्र मोंगा के भाखड़ा में डूब जाने की आशंका जताई गई थी।
बता दें कि कोविड काल के दौरान मास्क व धूम्रपान के चालान की जुर्माना राशि के गबन को लेकर उपसिविल सर्जन की शिकायत पर शहर थाना सिरसा पुलिस ने एमपीएचएस मेल देवेंद्र मोंगा व शिव कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दिसंबर-2021 में दर्ज किया था । देवेंद्र मोंगा की ओर से जमा करवाई गई राशि में 43 लाख 64,500 का अंतर पाया गया है। इसी प्रकार एमपीएचडब्ल्यू शिव कुमार की ओर से भी करीब तीन लाख 10 हजार रुपये कम जमा करवाए गए है। इसके बाद यकायक देवेंद्र मोंगा का एक वीडियो वायरल हुआ।
जिसमे खुद को बेकसूर बताते हुए सरकारी अस्पताल के एक डा. प्रमोद शर्मा, राजेश भारद्वाज व प्रेम एओ पर प्रताडऩा के आरोप लगाकर जीवन लीला समाप्त करने की बात कही थी। इंस्पेक्टर की गाड़ी को पंजाब के रोपड़ जिले की भरतगढ़ चौकी पुलिस ने भाखड़ा नहर के समीप से बरामद किया था। कार में उसका मोबाइल व अन्य कागजात भी मिले थे। उसकी कई रोज तक भाखड़ा में गोताखोरों द्वारा भी तलाश की गई थी।
देवेंद्र मोंगा पिछले 23 माह से लापता बना रहा। अब उसकी ओर से स्वास्थ्य विभाग से अपने पेंशन लाभ के लिए पत्र के माध्यम से आवेदन किया है। पत्र में ही इस आश्य का जिक्र किया है कि उसने कीरतपुर साहिब के पास भाखड़ा में डूबने का फैसला लिया था लेकिन उसने भाखड़ा में छलांग नहीं लगाई। उसके बाद वह इधर-उधर भटकता रहा और अब अपने घर लौट आया है। चूंकि उसकी 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्ति थी इसलिए उसे पेंशन के लाभ प्रदान किए जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि उसकी तरफ कोई देनदारी है तो उसे पेंशन बेनिफिट्स की राशि से काट लिया जाए।
नागरिक अस्पताल के उप सिविल सर्जन बुधराम का कहना है कि देवेन्द्र मोंगा का पत्र ही आया है अभी तक खुद नही दिखाई दिया। उसके खिलाफ विभाग के लाखों रुपए गबन का मामला दर्ज है,पुलिस व विभाग अपना काम करेगा।