- 22 जिलों में स्थापित एटीएम सेल ने 110 केसों में की कार्रवाई
- ठगों से 17 एटीएम कार्ड हुए बरामद
चंडीगढ : स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा की एंटी एटीएम फ्राॅड सेल ने एटीएम धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई करते हुए गत 10 माह के दौरान एटीएम फ्राॅड के 110 अनट्रेस मामलों को सुलझााते हुए धोखाधड़ी में संलिप्त 81 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 17 लाख रुपये की राशि भी रिकवर की है।
बैंकों की लाइन में लगकर कैश निकालने का चलन कम हो रहा है। पिछले कुछ सालों से डेबिट कार्ड, डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। लेकिन जैसे जैसे एटीएम की उपयोगिता में बढोत्तरी हुई है उसी तरह से एटीएम कार्ड बदलने, कार्ड क्लोनिंग व उससे जुड़े सैकड़ों केस भी बढ़ रहे हैं। बेफिक्री के चक्कर में आपका भी कार्ड स्किमिंग या क्लोन का शिकार हो सकता है। चाहे आपने ट्रांजेक्शन की हो या नहीं। एटीएम कार्ड आपकी जेब में होगा और मोबाइल पर अकाउंट से पैसे निकलने का मैसेज आ जाएगा। जब तक आप संभल पाएंगे। देर हो चुकी होगी। ऐसे अपराधों में अक्सर, कम जानकारी होने के और एटीएम मशीन के आस पास गैंग की सक्रियता के कारण ही आम लोग फंस जाते है। वहीँ, ऐसे केसों में कई बार देखा गया है कि सबूतों के अभाव में केस सालों साल अनट्रेस साबित हो जाते है। विदित है कि पिछले साल अगस्त 2022 में एटीएम सेल ठगी एटीएम ठगी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच ने प्रदेश के सभी 22 जिलों में एटीएम फ्राड इन्वेस्टिगेशन सेल (एएफआईसी) गठित की थी।
110 अनट्रेस केस में मिली क्राइम ब्रांच को सफलता, 81 अपराधी पहुंचे सलाखों के पीछे
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एएफआईसी यानी एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल की स्थापना मुख्यतः उन एटीएम फ्रॉड के केसों की जांच के लिए की गई थी जिनके बारे में जिला पुलिस अनट्रेस की रिपोर्ट दे चुकी है। स्टेट क्राइम ब्रांच ने अलग-अलग जिलों से हाई वैल्यू 132 अनट्रेस मुकदमे सेल को जांच के लिए सौंपे गए थे जिनमें से 110 अनट्रेस केस पर कार्यवाही की जा रही है। इन्हीं मुकदमों पर काम करते हुए विभिन्न जिलों की टीम्स ने पिछले 10 महीने में ही 81 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। एडीजीपी, ओपी सिंह, आईपीएस राज्य अपराध शाखा प्रतिमाह केस की रिपोर्ट ले रहे है। इसके अलावा हाई वैल्यू केसों में जिन में जिलों में अनट्रेस रिपोर्ट लिखी गई है, उन मुकदमों पर काम करने के लिए कड़े निर्देश भी जारी किये गए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा देखा गया है कि जिला पुलिस द्वारा सबूतों के अभाव में अनट्रेस रिपोर्ट देकर मामले को बंद कर दिया है। ऐसे में पीड़ित को राशि नहीं मिल पाती और न ही आरोपी पकड़े जाते हैं। इसी समस्या का समाधान के लिए राज्य अपराध शाखा द्वारा प्रत्येक जिले में इन स्पेशल सेल का गठन पिछेल वर्ष किया गया था।
17 लाख से ज्यादा रूपए रिकवर, 17 एटीएम भी बरामद
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ितों के 17,18,878 रूपए रिकवर किये। इसके अलावा आरोपियों से 17 चुराए हुए एटीएम भी बरामद किये। पिछले 10 महीने में गिरफ्तार किये गए एटीएम ठगों से 5 वाहन भी जब्त किये गए है। वहीं आरोपियों के पास से 3 डिजिटल डिवाइस भी रिकवर किये गए है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एएफआईसी सेल किसी भी केस को मिलने के बाद सबसे पहले अपराध स्थल यानी एटीएम मशीन को विजिट करते है और आस पास के सीसीटीवी कैमरे से सबूत जुटाने की कोशिश जाती है। इसके अतिरिक्त गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ही आगामी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाते थे। इसी कारण से मात्र 10 महीने में ही एएफआईसी यूनिटों को इतनी बेहतरीन सफलता मिली है।
ठगी होने पर क्या करें, तुरंत लें फैसला।
- जैसे ही डेबिट कार्ड बदले जाने की जानकारी मिले, तुरंत अपने बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके कार्ड को ब्लाक करा दें।
- सरल वेबसाइट के माध्यम से भी एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
- साइबर अपराध की शिकायत के लिए 1930 पर संपर्क करें।
- cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- ठगी होने पर तुरंत अपने खाते को ब्लॉक करवाएं और नजदीकी थाने से संपर्क करें।
- आपको लगे की खाते में कोई गड़बड़ी हुई, बैंक को कॉल कर कार्ड को ब्लॉक कराएं।