हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं, और इससे पहले भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशियों को फीडबैक के लिए दिल्ली मुख्यालय पर बुलाया है। यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, खासकर उन निर्दलीय विधायकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जो चुनावी नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
भाजपा और कांग्रेस की तैयारियां
- फीडबैक मीटिंग: भाजपा के कुछ प्रत्याशी पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी के अधिकतर प्रत्याशी देर शाम तक दिल्ली पहुंचेंगे। दोनों पार्टियों के नेता अपने प्रत्याशियों से चुनावी फीडबैक लेने में जुटे हैं ताकि आगे की रणनीति तैयार की जा सके।
- निर्दलीय विधायकों पर नजर: सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही निर्दलीय जीतने वाले विधायकों पर गहन नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही कोई निर्दलीय उम्मीदवार जीत की ओर बढ़ता है, सत्ताधारी पार्टी के नेता उन्हें अपने पक्ष में लाने के लिए संपर्क करने की कोशिश करेंगे।
सुरक्षा और निगरानी
- गुप्तचर विभाग की तैनाती: सत्ता में आने की संभावनाओं को देखते हुए सत्ताधारी पार्टी ने जीतने वाले प्रत्याशियों के घरों और कार्यालयों के आसपास गुप्तचर विभाग के अधिकारियों को तैनात कर रखा है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कोई भी निर्दलीय विधायक आसानी से उनकी निगरानी से बच न सके।
मतगणना की तैयारी
- मुख्य सचिव और चुनाव आयोग की निगरानी: हरियाणा के मुख्य सचिव और चुनाव आयोग ने मंगलवार को होने वाली मतगणना पर नजर बनाए रखी है। राजनीतिक नेताओं की ओर से इस प्रक्रिया को लेकर गहन चर्चा जारी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी चुनावी परिणाम सही और निष्पक्ष रूप से सामने आएं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल राजनीतिक दलों के लिए, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे। भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं की इस सक्रियता से यह स्पष्ट है कि दोनों पार्टियों ने जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब देखना यह है कि मतगणना के बाद की स्थिति क्या होती है और कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं।