Sunday, May 19, 2024

गुरुग्राम के कार्टरपुरी में 23 कनाल 6 मरले जमीन मामले में सुप्रीमकोर्ट का स्टे

गुरुग्राम, 23 अक्टूबर । सेक्टर-23ए कार्टरपुरी में 23 कनाल 6 मरले जमीन अधिग्रहण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाकर जमीन मालिकों को राहत दी है। हरियाणा सरकार द्वारा 34 साल पहले अधिग्रहित की गई जमीन पर कब्जा नहीं लेने पर जमीन मालिक ने अदालत में नियमों का हवाला देकर याचिका दायर की थी। इस जमीन पर अब 60 परिवारों के 300 लोग मकान बनाकर रहे हैं।

मगर 34 साल तक सरकार ने इस जमीन को किसी उपयोग में नहीं लिया।

वर्तमान में जमीन मालिक राकेश अग्रवाल के मुताबिक सेक्टर-23ए कार्टरपुरी में 23 कनाल 6 मरले जमीन पर करीब 60 परिवार घर बनाकर रह रहे हैं। वर्ष 1980 में हरियाणा सरकार ने इस जमीन का अधिग्रहण किया, मगर 34 साल तक सरकार ने इस जमीन को किसी उपयोग में नहीं लिया। लोगों ने सरकार से जमीन का कोई मुआवजा भी नहीं लिया। इस पर जमीन के मालिक ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करके जमीन वापिस दिलाने की मांग की। जिस पर 20 मई 2014 को चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने अपने फैसले में कहा कि इतने वर्ष तक सरकार ने जमीन पर कब्जा नहीं लिया है। लोगों ने मुआवजा नहीं लिया। ऐसा लगता है सरकार को इस जमीन की जरूरत नहीं है। इसलिए जमीन असल मालिकों को सौंपी जाए। अगर सरकार को जरूरत लगे तो नियम, कायदे बनाकर वर्तमान के हिसाब से रेट तय करके एक साल के भीतर नये फिर से अधिग्रहण कर सकती है। एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने कुछ कार्यवाही नहीं की।

राकेश अग्रवाल ने खरीदी यह जमीन

इस जमीन को राकेश अग्रवाल नाम व्यक्ति ने माथुर परिवार से खरीदा। रजिस्ट्री भी करवा ली। उन्होंने जनवरी 2017 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि सरकार जमीन का अभी भी अधिग्रहण कर सकती है। इस आदेश को लेकर जमीन मालिकों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। वहां से पहले तो जमीन मालिकों के हक में अदालत से स्टे लगा, लेकिन सितम्बर 2023 में अदालत ने उनका केस डिसमिस कर दिया। जिला प्रशासन की ओर से वहां पर तोडफ़ोड़ भी की गई। जमीन मालिक राकेश अग्रवाल फिर से सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीमकोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता अंकित गोयल द्वारा डाली गई है। याचिका में साफ तौर से संविधान के समता के मूल अधिकार की उल्लंघना बतायी गई है। क्योंकि साथ वाली लायन ब्रांड के नाम भूमि के बारे में सरकार द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि इस जमीन में सरकार ने बिना कोई अधिकारिक नोटिस के और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बारे में बिना बताए तोडफ़ोड़ की गई।

Latest Videos

आपकी राय

क्या आप ट्विटर ब्लू टिक के लिए हर महीने 900 रुपये देने को तैयार हैं?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

You cannot copy content of this page