दो माह से आशा वर्कों की हड़ताल का असर
गर्भवती महिला को भी नहीं लगाई जा रहे इंजेक्शन
गुरुग्राम 1 अक्टूबर। केंद्र व राज्य सरकार छोटे बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाने पर अरबों खरबों रुपए खर्च कर रही है और कोई भी बच्चा पोलियो की दवाई से वंचित न रहे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जिम्मेवारी लगाए हुए हैं मगर देश की राजधानी दिल्ली के साथ लगते हुए गुरुग्राम में मासूम बच्चे पोलियो की दवाई पीने से वंचित हो रहे हैं जिसके चलते लगातार अब गुरुग्राम में पोलियो की दवाई पीने के लिए मां बच्चों लेकर इधर-उधर घूम रही है।
जानकारी के अनुसार सुरेशना सिकंदरपुर में किराए पर रहती है और 2 साल का मासूम बच्चा को पोलियो की दवाई पिलाने के लिए पिछले दो महीने से इंतजार कर रही हैं लेकिन उन्हें पोलियो की दवाई नहीं मिल पा रही है वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं को भी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं जिस वे इंजेक्शन और पोलियो की दवाई के लिए इधर-उधर घूमने पर मजबूर हो रही है।
आशा वर्कर अपनी मांगों के लिए दो माह से सड़कों पर है
घर-घर जाकर आंगनवाड़ी के अलावा अन्य जगहों पर छोटे बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाने के लिए आशा वर्कर जाती थी लेकिन दो माह से हड़ताल पर होने के चलते वह अब अपने कामकाज को छोड़ें बैठी हुई है जिससे ने समय पर गर्भवती महिलाओं को इंजेक्शन लग पा रहे और ने बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाई जा रही है जिससे लगातार गर्भवती महिला बच्चे पोलियो की दवाई के लिए डर-डर की ठोकरे खा रहे हैं कोई सुनने वाला नहीं है।
सिविल सर्जन के सख्त आदेश कोई भी पोलियो की दवाई बिना बच्चा ना रहे पाये
गर्भवती महिलाओं को घर जाकर लगाए जाएंगे इंजेक्शन
गुरुग्राम के सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा मैंने एएनएम के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए की कोई भी बच्चा बिना पोलियो की दवाई के ना रह पाए और गर्भवती महिलाओं को समय पर इंजेक्शन लगाए जाए। अगर उनके कार्यालय में इस गर्भवती महिलाओं के इंजेक्शन या बच्चों को पोलियो दवाई की कोई शिकायत मिली उन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो जुम्मेवार है।