Sunday, September 22, 2024

दिल्ली के जंतर मंतर से हटाए गए पहलवान, पुलिस से झड़प, कार्रवाई पर उठे सवाल

दिल्ली: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलनरत पहलवानों के समर्थन में बुलाई गई महिला पंचायत में भाग लेने जा रही महिलाओं और विभिन्न संगठनों एवं खापों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा धरपकड़ और गिरफ्तारी की कङे शब्दों में निंदा की है।
प्रैस के लिए जारी विज्ञप्ति में पार्टी राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने बताया है कि बङे पैमाने पर राज्य भर में पुलिस ने बीती रात एवं दिन निकलने से पहले, महिला, किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी की है और उनमें से अनेकों को गिरफ्तार किया गया। किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष प्रीत सिंह को रोहतक स्थित संगठन के राज्य कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है। जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भीम अवॉर्डी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जगमति सांगवान, राज्य महासचिव उषा सरोहा, पूर्व राज्य अध्यक्ष शकुन्तला जाखङ, भिवानी जिला अध्यक्ष बिमला घणघस, हिसार जिला सचिव बबली, गुड़गांव जिला अध्यक्ष व सचिव भारती, किसान सभा के हिसार जिला अध्यक्ष नम्बरदार शमशेर सिंह, जिला सचिव सतबीर सिंह,वरिष्ठ नेता सूबे सिंह बूरा, मजदूर नेता एवं सीटू जिला सचिव मनोज सोनी इत्यादि की गिरफ्तारी की रिपोर्ट है। इसके बाद महिला पंचायत में भाग लेने के लिए निकले महिलाओं, किसानों और खाप प्रतिनिधियों को जगह जगह रोका गया , उनके साधनों को जब्त करके उन्हें हिरासत में लिया गया है। कुछ स्थानों पर पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ बदसलूकी और‌ पुरुषों के साथ मारपीट करने की भी रिपोर्ट हैं। इसके बावजूद भी पुलिस को चकमा देते हुए बङी संख्या में महिलाएं और पुरुष दिल्ली के बॉर्डरों और जन्तर मन्तर पर पहुंचने में कामयाब हुए और वहां नारे लगाते हुए प्रदर्शन किए जहां से उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। किसान सभा के राज्य महासचिव सुमित दलाल, राज्य कोषाध्यक्ष मा० बलवान सिंह, भिवानी जिला अध्यक्ष रामफल देशवाल, उपाध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश, जिला सचिव मास्टर जगरोशन, जनवादी महिला समिति की राज्य कोषाध्यक्ष राजकुमार दहिया, संतोष देशवाल, जींद जिला के अध्यक्ष नूतन प्रकाश, सोनीपत जिला की अध्यक्ष शीला बुटाना, मुनमुन आदि को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के साथ टिकरी बॉर्डर से‌ गिरफ्तार किया गया है।
एक महिने से भी ज्यादा समय से देश के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवान देश की राजधानी में दुष्कर्म के आरोपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद की गिरफ्तारी और कुश्ती संघ पर उसके वर्चस्व को खत्म करने की मांग को लेकर शान्तिपूर्वक जन्तर मन्तर पर रात दिन धरने पर बैठे हैं। महिला पंचायत बारे भी उन्होंने प्रैस कांफ्रेंस करके ऐलान किया था कि हमारा आयोजन पूर्णतय शान्तिपूर्ण होगा और किसी भी प्रकार की हिंसा, तोङफोङ और पुलिस से टकराने की कोई कार्यवाही नहीं होगी। इसके बावजूद केन्द्र और राज्य की भाजपा नीत सरकार की ओर से दमन का रास्ता अपनाया गया है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा देश- प्रदेश में लोकतंत्र का गला घोंट कर निरंकुश सत्ता कायम करना चाहती है। देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों को न्याय और सुरक्षा की गारन्टी देने की बजाय भाजपा सरकार दुष्कर्म के आरोपी दबंग सांसद को बचाने पर तुली हुई है। आज का दिन देश के इतिहास में दर्ज रहेगा कि जहां एक तरफ एक घमंडी प्रधानमंत्री संवैधानिक मर्यादाओं को रौंदते हुए एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान करके नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहा था उसी समय न्याय की मांग कर रही प्रतिष्ठित महिला पहलवानों और उनके समर्थन में आई महिलाओं और नागरिकों पर दमनचक्र चलाया जा रहा था।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को पूरा विश्वास है कि न्याय के लिए संघर्ष सत्ता के दमनकारी हथकंडों से रुकने वाला नहीं है। इन हथकंडों से जनसाधारण में रोष बढ़ा है। इतिहास गवाह है कि जनता ने बङे से बङे तानाशाहों के भी घमंड तोङे हैं, इनका भी यही हश्र होना है। माकपा , महिला पहलवानों के न्यायपूर्ण संघर्ष के प्रति एक बार फिर से अपना पुरजोर समर्थन प्रकट करते हुए तमाम उन महिलाओं, छात्र- छात्राओं, युवक-युवतिओं, किसानों और नागरिकों का क्रान्तिकारी अभिनन्दन किरती है जिन्होंने न्याय की इस लङाई में अपना योगदान दिया है।

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