Sunday, September 22, 2024

पीपीपी पोर्टल पर बिना आवेदन सुर्खियां बटोरने के लिए सतबीर ने रचा झूठा प्रपंच

रेवाड़ी के उपायुक्त ने मामला संज्ञान में आते ही कराई जांच

एडीसी ने क्रीड जांच की दी विस्तृत रिपोर्ट

  • चंडीगढ़, 1 जुलाई – हाल ही में सेहरा बांधकर परिवार पहचान पत्र बनवाने की मांग लेकर जिला रेवाड़ी के लघु सचिवालय पहुंचे नया गांव निवासी सतबीर सिंह के सभी दावे तथ्यहीन पाए गए। सतबीर सिंह ने पीपीपी पोर्टल पर बिना आवेदन के आधारहीन बातों के साथ प्रशासन के समक्ष फैमिली आईडी बनवाने की मांग की थी। इस पर उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने सतबीर सिंह की मांग अनुरूप जांच करवाई तो उसके द्वारा किये गए दावे तथ्यहीन मिले और पाया गया कि केवल सुर्खियां बटोरने की मंशा से ही यह प्रपंच रचा गया था।
  • मामले को लेकर उपायुक्त इमरान रजा ने क्रीड के नोडल अधिकारी एवं एडीसी श्री स्वप्निल रविन्द्र पाटिल को जांच सौंपी।
  • क्रीड के नोडल अधिकारी एवं एडीसी श्री स्वप्निल रविन्द्र पाटिल ने उक्त मामले में की गई जांच अनुरूप बताया कि 29 जून 2023 को क्रीड टीम रेवाड़ी ने सतबीर सिंह उर्फ़ सतबीर शर्मा निवासी नया गांव डोहकी की सिंगल मेंबर वेरिफिकेशन के लिए गांव का दौरा किया और तथ्यपूर्ण ढंग से जांच की गई। टीम ने जांच के दौरान तथ्य सामने लाये कि उक्त व्यक्ति सतबीर सिंह उर्फ़ सतबीर शर्मा ने आज तक परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए विभाग से कभी सम्पर्क ही नहीं किया। उन्होंने न तो किसी सीएससी सेंटर से परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए कोई आवेदन किया, जिसके आधार पर क्रीड उनके आवेदन पर कोई कार्यवाही कर पाएं।
  • श्री पाटिल ने बताया कि उक्त व्यक्ति के परिवार में 2 बेटे हैं, बड़ा बेटा गुरदयाल सीआरपीएफ में नौकरी करता है और वर्तमान में हैदराबाद में रहता है और छोटा बेटा विनोद नजफगढ में झुरझुरी गांव में रहकर अपना पैतृक व्यवसाय चला रहा है। सतबीर सिंह के पड़ोसियों के अनुसार यह लगभग 1 महीने से ही अपने बेटे के घर से अपने पैतृक गांव में आया है। जांच के दौरान बताया कि उक्त व्यक्ति पिछले 20 सालों से अपने छोटे बेटे के साथ नजफगढ में रह रहा था और कभी कभी 10-15 दिन के लिए गांव में आते रहे हैं और तब उनका खाना पीना उनके भाई बुध सिंह के घर ही होता है तथा वर्तमान में भी उक्त व्यक्ति सतबीर सिंह खाने के लिए अपने भाई बुध सिंह पर ही निर्भर हैं।
  • अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जांच में सामने आया है कि सतबीर सिंह अपनी पेंशन या कोई अन्य लाभ सरकार से लेने के लिए यह प्रयास नहीं कर रहे बल्कि वह तो संभवत: पूर्ववर्ती प्रयासों की भांति इस बार भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। उक्त व्यक्ति सतबीर सिंह इससे पहले भी एक बार अपने बेटे के साथ नजफगढ़ में रहते हुए रेवाड़ी विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके हैं और उसके बाद उन्होंने अपने गांव में सरपंच का भी चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी जमानत भी जप्त हुई थी। उक्त चुनावों के बाद सतबीर सिंह चर्चा में रहने के लिए ऐसे काम करता है और कोरोना काल के दौरान हुए लोकडाउन के समय भी उन्होंने अपने घर के बाहर प्रशासन के साथ विवाद किया था।
  • एडीसी ने बताया कि क्रीड टीम की जांच में सामने आया है कि गांव वालों का कहना है कि यह सब वो अपने आप को मीडिया की कवरेज दिलाने के लिए कर रहा है, साधन संपन्न होने के बाद भी वह अपने टूटे से मकान में रह रहा है। यह भी बताया गया कि उनके हम उम्र लोगों की सभी की पेंशन बन चुकी है और करीब 10 वर्ष पूर्व उनको भी उनके साथियों ने कहा कि पेंशन बनवा लो आप 60 साल के हो गए हैं तो उन्होंने कहा कि मैं साधन संपन्न हूँ तो मैं क्यों ऐसे सरकार की बैसाखी के सहारे रहूँ।
  • टीम ने जांच के दौरान बताया कि सतबीर सिंह के सम्बंधित गांव से आज तक केवल निम्नलिखित 5 व्यक्तियों का एकल परिवार के लिए आवेदन आया था जिसको पहले ही सत्यापित किया जा चुका है। जिनमें से 4 एकल परिवार के आवेदन विभाग द्वारा किये सर्वे में सामने आये थे और एक 1 व्यक्ति सुरेश चौधरी द्वारा मार्च 2023 में आवेदन किया गया था जिसका सत्यापन किया जा चुका है

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