Sunday, May 19, 2024

मई 2022 से अब तक परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर 1 लाख 40 हजार वृद्धों की पेंशन ऑटोमेटिक बनी – मुख्यमंत्री

राज्य में 18,52,085 बुजुर्गों को लगभग 506.50 करोड़ रुपये की राशि प्रतिमाह प्रदान दी जा रही

वर्ष 2014 में मिलती थी 1000 रुपये मासिक पेंशन, वर्तमान सरकार ने 3 गुणा बढ़ाई

1 जनवरी, 2024 से मिलेगी 3 हजार रुपये मासिक पेंशन

मुख्यमंत्री ने ऑटोमेटिक ढंग से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पाने वाले लाभार्थियों से किया संवाद

नई दिल्ली, 4 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों को दफ्तर, दरखास्त और दस्तावेज से मुक्ति दिलाते हुए उन्हें घर बैठे ही योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया है। इस दिशा में परिवार पहचान पत्र सबसे अहम दस्तावेज बनकर उभरा है। मई 2022 में सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और तबसे अब तक लगभग 1 लाख 40 हजार वृद्धों का भत्ता ऑटोमेटिकली शुरू किया जा चुका है। इस समय प्रदेश में 18 लाख 52 हजार 85 बुजुर्गों को लगभग 506 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है।

राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का ज्यादा से ज्यादा वृद्धों को लाभ पहुंचाने के लिए

मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑटोमेटिक ढंग से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का ज्यादा से ज्यादा वृद्धों को लाभ पहुंचाने के लिए इसके लिए आय सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक तक की है। भविष्य में भी जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा तथा पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपये वार्षिक तक होगी, उसका वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगा। इसके लिए केवल पात्र व्यक्ति की सहमति ली जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में लाभार्थियों को 1000 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी। हमारी सरकार ने हर साल इस सम्मान भत्ता की राशि में वृद्धि करते हुए 2,750 रुपये मासिक किया और अब आगामी पहली जनवरी, 2024 से इस राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन के अलावा सरकार विधवा महिलाओं, गंभीर बिमारी से ग्रस्त व्यक्तियों और दिव्यांग व्यक्तियों को भी पेंशन का लाभ देती है। इनके अलावा, अब सरकार ने विधुर को भी 40 साल की आयु के बाद तथा 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वाले अविवाहित पुरुषों के लिए भी मासिक पेंशन देने की शुरुआत की है। इस प्रकार राज्य में कुल 30 लाख लोगों को मासिक पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इस प्रकार जनवरी, 2024 से एक बड़ा हिस्सा पेंशन सुविधाओं के लिए खर्च होगा।

सम्मान भत्ता बनवाने की प्रक्रिया को बनाया आसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने 2014 में सरकार बनाई, तो उस समय यह दृश्य देखकर पीड़ा होती थी कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनवाने के ‌लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। सरपंच से लिखवाना पड़ता था, पटवारी, तहसीलदार या समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिन्नतें करनी पड़ती थीं। अत्यधिक मानव हस्तक्षेप होने की वजह से यह व्यवस्था पक्षपातपूर्ण भी थी और वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के लिए अपात्र लोग भी वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने में सफल हो जाते थे और पात्र वंचित रह जाते थे। हमने बुजुर्गो की इस पीड़ा को समझा और टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके भेदभाव वाली व्यवस्था को खत्म किया है। इसके लिए सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनाया। यह परिवार पहचान पत्र का ही कमाल है कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनवाने के लिए अब नागरिकों को दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़े, न ही दरखास्त देनी पड़ी और न ही दस्तावेज जमा करवाने पड़े। इस तरह से आपको दफ्तर, दरखास्त और दस्तावेज से मुक्ति मिली है।

ऑटोमेटिक ढंग से मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज वृद्धावस्था भत्ते का लाभ बुजुर्गों को ऑटोमेटिक ढंग से मिल रहा है। जैसे ही कोई व्यक्ति 60 वर्ष का हो जाता है, तो उसको मोबाइल पर मैसेज आता है कि आप वृद्धावस्था भत्ते के लिए पात्र हो गये हैं और इसके लिए आपकी सहमति ली जाती है। उनकी सहमति के बाद ऑटोमेटिक ढंग से व्यक्ति को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता मिलना शुरू हो जाता है। यह सब परिवार पहचान पत्र के कारण संभव हो सका है।

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