- सीएम का सपना देखने वाले सांसद, जनता की जमीन की तरफ भी देख लें – जयहिन्द
- गुरुग्राम – किसानों द्वारा 1810 एकड़ की जमीन के भूमि अधिग्रहण को रद्द करवाने के लिए आज मानेसर में किसान आमरण अनशन पर बैठ गए। किसानों के समर्थन में नवीन जयहिन्द पहुंचे। जहां नवीन जयहिंद को सरकार को ललकारते हुए चेतावनी दी कि यह जमीन किसी के बाप की नहीं किसानों की है। किसान अपनी मर्जी से चाहेगा तो जमीन देगा। साथ ही स्थानीय विधायक व सांसद सहित नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वे कमजोर हैं, इसलिए यह सब हो रहा है।
- किसानों पर अंग्रेजों के जमाने के काले कानून थोपना बर्दाश्त से बाहर है। आजादी के पहले के कानून को ढाल बनाकर किसानों की जमीन हड़पना चाहती है। इससे पहले किसानों ने सरकार व प्रशासन को 2 बजे तक का समय दिया था जिसके बाद सरकार व प्रशासन की तरफ से ऐडीसी पहुंचे, लेकिन ऐडीसी के जवाबो से किसान संतुष्ट नहीं हुए।
- नवीन जयहिन्द ने कहा कि ये जमीन किसी के बाप की जमीन नही, ये जमीन किसानों की हैं और 36 बिरादरी की जमीन हैं। अगर किसानों का मन करेगा तो सरकार को जमीन देगे ओर किसानों का मन नही करेगा तो किसान सरकार को जमीन नही देगे। सरकार को किसानों के साथ दबाव की राजनिति नही करनी चाहिए।
- जयहिन्द ने कहा कि देश 1947 मे आजाद हो चुका हैं और अंग्रेज देश को छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों के भूमि अधिग्रहण के लिए 1894 के कानून को ढाल बनांकर किसानों से जमीन हड़पना चाहती हैं, जो कि न्याय संगत नही हैं। जयहिन्द ने कहा कि अंग्रेजो के काले कानून किसानों पर थोपना गलत हैं और 36 बिरादरी किसानो के साथ हैं।
- जयहिन्द ने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि जिस इलाके में आप रहते हो ये इलाका वीरों की भूमि रहा हैं, यहां के लोग उन्ही वीरों की संतानें हैं। लेकिन यहां के नेता, विधायक, ओर सांसद कमजोर हैं जो किसानों की आवाज नही उठा रहे। अगर विधायक और सांसद किसानों की आवाज उठाएं तो सरकार की इतनी हिम्मत नही हैं कि वो किसानों की जमीन किसानों से छीन ले।