Sunday, May 19, 2024

हरियाणा के सत्ताधारी मंत्री या विधायकों को अब सताने लगा है टिकट काटने का डर आरएसएस समर्थक बाबाओ के दरवाजे पर देने लगे हैं दस्तक

दक्षिणी हरियाणा में सबसे अधिक बना हुआ है डर
चंडीगढ़ 14 नवंबर। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे सत्ताधारी पार्टी के मंत्री एवं विधायकों की धड़कनें तेज होने लगी है और डर सताने लगा है कभी उनके टिकट कट जाए जिसके डर से अभी से ही आरएसएस समर्थक बाबाओ की कुटिया में मंत्री और विधायक दस्तक देने लगे जिससे उनकी टिकट बच सके।

मुख्यमंत्री के समक्ष अपना रोना रोते रहे

अधिकतर भाजपा के नेताओं को दक्षिणी हरियाणा में है क्योंकि दक्षिणी हरियाणा के मंत्री और विधायक साढे चार वर्ष तक विधानसभा अध्यक्ष के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष अपना रोना रोते रहे की जिले में बैठे उच्च अधिकारी नहीं सुनते जिससे वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं कई विधायक और मंत्रियों ने तो यहां तक कह दिया आने वाले चुनाव में जनता होने गांव में नहीं घुसने देगी और वही हो रहा है जनता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि से नाराज कुछ विधानसभा क्षेत्र में विधायकों ने अपनी मनमानी चलकर अपने आप को जनता से दूर कर लिया ना नौकरी लग चुके नए क्षेत्र में काम कर सके तो आखिरकार जनता उनको कैसे माफ करें मगर फिर भी जितने की दावा करते हैं पटौदी विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए अबकी बार पटौदी विधानसभा क्षेत्र में जनता अपने प्रतिनिधि से काफी नाराज है सोहना क्षेत्र का भी यही हाल है गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र कूड़े के घेरे से ढका हुआ है बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में जनता बेहाल है।

गुरुग्राम,फरीदाबाद ,रोहतक, बादशाहपुर विधानसभा टिकट, बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व की क्लीन चिट के बाद
हरियाणा प्रदेश में पांच विधानसभा सीटें ऐसी है जो भारत पर राष्ट्रीय नेतृत्व की क्लीन चिट होने के बाद ही मिलती है जिनमें गुरुग्राम,बादशाहपुर, फरीदाबाद, रोहतक, बादशाहपुर सीट है जब तक राष्ट्रीय नेतृत्व फाइनल नहीं करता तब तक इन सीटों पर हवा में दबे होते रहते हैं। क्योंकि इन सीटों पर स्वयं प्रधानमंत्री की नजर होती है और उनके पुराने साथी रहे आरएसएस के नेताओं के परिवारों को जाती है। जबकि पटौदी, बावल, नांगल चौधरी, नारनौल, कोसली, इन सीटों पर गहन विचार विमर्श कर सीटों का फैसला होता है जिसमें दो सीटों पर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह की भी राय ली जाती है तो कुछ फरीदाबाद जिले की विधानसभा की सीटों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता केंद्र में राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से भी सलाह मशवरा किया जाता है उसके बाद ही टिकटों की घोषणा की जाति होती है। लेकिन अब की बार सत्ताधारी पार्टी के विधायक मंत्री क्षेत्र में अपनी खास पहचान नहीं बना पाए इसलिए उन्हें जीत का भी और टिकट मिलने का भी डर बना हुआ है।

सांसदों को भी लड़ाया जा सकता है विधानसभा के चुनाव
मध्य प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा में भी सांसदों को भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधानसभा के चुनाव लड़ाया जा सकते हैं जिसकी केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तैयारी की जा रही है जिससे सांसदों को भी अपने-अपने क्षेत्र में अपनी ताकतों का पता चल सके कि उन्होंने कितना विकास कार्य अपने क्षेत्र में सांसद विकास राशि से कराया है जिससे सांसदों को भी अब विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिले सकेगा।

Latest Videos

आपकी राय

क्या आप ट्विटर ब्लू टिक के लिए हर महीने 900 रुपये देने को तैयार हैं?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

You cannot copy content of this page