गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चहेते ओएसडी जवाहर यादव की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। शनिवार को गुरुग्राम के शमां रेस्टोरेंट में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर सीएम के ओएसडी पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार और मिलीभगत से अर्जित की गई अवैध संपत्तियों का ब्यौरा देते हुए उनकी जांच एसीबी व सीबीआई से कराने की मांग करते हुए बड़े बड़े खुलासे किए हैं।
आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सीएम के ओएसडी जवाहर यादव पूर्व मंत्री के पीए सतपाल व सोम मुंजाल ने मिलीभगत से पद का दुरुपयोग कर हजारों करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। जिनमें कई करोड़ की संपत्ति रायसीना की पहाड़ियों में है जिसमें कोई सरकारी रास्ता ना होने के बावजूद भी मिलीभगत से रजिस्ट्री हुई है। जिनकी साथ कोई एनओसी पेपर नहीं लगा हुआ है। वही उन्होंने आर्यों के मालिक ने 8000 गज जवाहर यादव को जमीन दी थी और उनके मामले को दबा दिया गया था लेकिन एम3एम की छापेमारी होने से ललित गोयल का नाम फिर आ गया है। ओएसडी ने डी सुरेश आईएएस अधिकारी से मिलकर मोटा खेल खेला रायसीना में खेला है। सरकार पुलिस सीबीआई से जांच तो करें में इनकी जानकारी मिल जाएगी। मझे आरटीआई से मांगने पर भी सूचना के दस्तावेज नहीं मिल रहे है।
उन्होंने रेवाड़ी की एक रजिस्ट्री के पेपर दिखाते हुए बताया कि जब वे उनके नकल की कॉपी पटवारी से निकलवाने गया तो पटवारी ने साफ शब्दों में कह दिया कि हमें नौकरी करने दो ऊपर से आदेश आया है कि किसी को भी इस वसीका नंबर की कोई नकल नहीं दी जाए। क़रीब 80 रजिस्ट्रियां जवाहर के कहने पर रास्तों की रायसीना जोन में बिना एनओसी के हुई है, सरकार जांच तो कराएं मैं शपथ पत्र देने के लिए तैयार हूं। उन्होंने नई दिल्ली में भी खरीदे गए फ्लैटों का ब्यौरा देते हुए बताया कि सरकार यह जांच करें कि उनके पास यह फ्लैट कब आए और इनकी रुपए पैसे का इंतजाम कहां से किया गया। उन्होंने पालम विहार मे दो प्लाटों का भी जिक्र करते हुए कहा कि आप मार्केट वैल्यू से सर्वे करा लो तो पता लग जाएगा की उसने यह प्रॉपर्टी किस प्रकार बनाई है।
जब पत्रकारों ने पूछा कि उन्होंने नमबरदार मार्केट गांव चकरपुर में सर्विस स्टेशन अवैध रूप से लगाया हुआं है। तो उनका कहना था कि मैंने कोई पानी का बोर नहीं लगाया हुआ है जमीन का मामला जो है वह अदालत में चल रहा है। नंबरदार का कहना था कि घिटोनी के फार्म हाउस का मामला वर्ष 2012 में खरीदा था। उसका इसके से कोई संबंध नहीं है। मेरे काम का मेरी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। और आज की तारीख में मेरे ऊपर देश की किसी भी अदालत में कोई केस नहीं चल रहा है। मेरे ऊपर मुंजाल व ओएसडी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद और असत्य है। उनका कहना था कि मैंने अभी मुख्यमंत्री, सीआईडी, विजिलेंस को लिखित पत्र देकर ओएसडी, सतपाल, आर एस बाट, मुंजाल के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर अर्जित की गई अवैध संपत्ति की जांच कराने की मांग सरकार से की है। वही उन्होंने अपनी जान को भी खतरा बताया और नारको टेस्ट की बात में पहले भी कह चुका हूं दोबारा से भी कहता हूं कि सरकार इन सभी का मेरा भी साथ में नारको टेस्ट कराए तो दूध का दूध पानी का पानी जल्दी हो जाएगा। जो जवाब ने लीगल नोटिस भेजा था उसका भी जवाब मेरे वकील ने उनको भेज दिया है।