सिरसा,4 नवंबर। हरियाणा के सिरसा में एंटी नारकोटिक्स सेल सिरसा की हिरासत में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए नागरिक अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया, जिसके बाद ड्यूटि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाना तय हुआ। मृतक के शव का पोस्टमार्टम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सलोनी गुप्ता की देखरेख में जिला नागरिक अस्पताल में तीन डॉक्टरों के गठित बोर्ड द्वारा देर शाम तक किया गया। बोर्ड ने पोस्टमार्टम के बाद शव का बिसरा लेकर मधुबन प्रयोगशाला में भेजने की बात कही है। वहीं अंधेरा छा जाने के कारण अंतिम संस्कार नहीं होने की वजह बताते हुए परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया। फिलहाल शव को अस्पताल की मॉर्चरी में रखा गया है। मौत की असली वजह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।
बता दें कि थोड़े समय पहले भी जिला के देसुमलकाना गांव से भी इसी तर्ज पर युवक को सेल ने उठाया था जिसकी भी कस्टडी में मौत हो गई थी। एंटी नारकोटिक्स सेल इंचार्ज दाता राम सहित पांच कर्मियों के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में कालांवाली पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज किया गया था। मृतक आकाशदीप के परिजन भी उसी तर्ज पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। कस्टडी में निरंतर दूसरी मौत से एंटी नारकोटिक्स सेल की कार्यप्रणाली मानवीय प्रताड़ना को लेकर संदेह के घेरे में आ गई है। युवक की मौत के बाद जिला पुलिस का कोई भी बड़ा छोटा अधिकारी मीडिया के सामने मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ।
एंटी नारकोटिक्स सेल सिरसा के इंचार्ज प्रेम कुमार ने बताया कि गुरुवार को आकाश व उसके दो अन्य साथियों अजय व गुरप्रीत को कल उसके गांव चक साहिबा से 12 ग्राम हेरोइन के साथ काबू किया था। युवक को बीती रात कंगनपुर रोड़ के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उसे जिला नागरिक अस्पताल की मॉर्चरी में रखवा दिया। मौत की खबर मिलने के बाद आज दोपहर को परिजन व रिश्तेदार नागरिक अस्पताल पहुंचे। बेटे की मौत से दुखी मां का अस्पताल में रो-रो कर बुरा हाल हो गया, रोते हुए आकाशदीप की मां ने कहा कि नारकोटिक्स वालों ने मार दिया मेरे बेटे को। मां का कहना है कि 2 माह से घरवाले नरमा चुगने के लिए गए हुए थे। गुरुवार को आकाशदीप घर पर अकेला था, इसी दौरान एंटी नारकोटिक्स वालों ने घर पर छापेमारी कर उसे जबरन उठा कर ले गए। घरवालों का कहना है कि आकाशदीप पेंटर का काम किया करता था, मृतक आकाशदीप के मामा सुखदेव सिंह का कहना है कि कुछ समय पहले आकाशदीप को पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी मामले में पकड़ा था, लेकिन उसके बाद से आकाशदीप घर ही रहता था। आकाशदीप के साथी बलबीर का कहना है कि हम दोनों साथ में काम किया करते थे, पुलिस आकाशदीप को जबरन ही घर से उठाकर ले गई, उसका नशा तस्करी से कोई वास्ता नहीं था।