डीजल इंजन बना इतिहास का हिस्सा, अप्रैल से छोटी लाइन भी
नई दिल्ली 19 फ़रवरी 2024| सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मैलानी-नानपारा लाइन को पर्यटन के लिहाज से हेरिटेज लाइन बनाने का निर्णय लिया गया है। इस लाइन को वर्तमान स्वरूप में ही संचालित किया जाएगा। इसके अलावा अब एनईआर के सभी रूटों का विद्युतीकरण हो गया है। सभी ट्रेन विद्युत इंजन से संचालित हो रहे हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे में अब डीजल इंजन, इतिहास का हिस्सा बन गया है। हर रूट पर इलेक्टि्रक इंजन से ही ट्रेनें चलती दिखेंगी। यही नहीं, अप्रैल से इस जोन में छोटी लाइन भी नहीं दिखेगी। बस नानपारा से मैलानी तक 170 किलोमीटर लंबा ट्रैक ही छोटी लाइन रहेगी, इस लाइन को धरोहर के तौर पर घोषित किया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में मैलानी-नानपार रेल खंड की 170 किमी लंबी लाइन मीटर गेज की है। यह लाइन दुधवा नेशनल पार्क से होकर जाती है। यह लाइन पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है। गोरखपुर से मैलानी तक इस रूट पर एक ट्रेन चलाई जाती है, जिसमें पर्यटक कोच भी लगते हैं।
पर्यटन के लिहाज से ही इस मीटर गेज लाइन को इसी स्वरूप में बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। इस लाइन से जुड़े दूसरे हिस्से बहराइच-नानपारा-नेपालगंज के 56 किलोमीटर हिस्से का उच्चीकरण कार्य चल रहा है। नए वित्तीय वर्ष में यह कार्य भी पूरा हो जाएगा।
सभी लाइनों का हो गया विद्युतीकरण
इस वित्तीय वर्ष में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी रूटों का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो चुका है। अब एनईआर में कोई प्रमुख ट्रेन डीजल इंजन से नहीं चलाई जा रही है। इस वित्त वर्ष में पूर्वोत्तर रेलवे की पहली तीसरी लाइन सहित कुल 106.50 किमी. रेल लाइनों के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है। दोहरीघाट-इंदारा (34.37 किमी.) तथा कुरैया-शाहगढ़ (27.37 किमी.) खंड का आमान परिवर्तन भी पूर्ण हो गया है। सभी रूटों के उच्चीकरण व विद्युतीकरण हो जाने के चलते रेलवे के इस जोन में डीजल इंजन की उपयोगिता खत्म हो गई है। आने वाले समय में डीजल इंजन भी इतिहास का हिस्सा बन जाएगा।
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मैलानी-नानपारा लाइन को पर्यटन के लिहाज से हेरिटेज लाइन बनाने का निर्णय लिया गया है। इस लाइन को वर्तमान स्वरूप में ही संचालित किया जाएगा। इसके अलावा अब एनईआर के सभी रूटों का विद्युतीकरण हो गया है। सभी ट्रेन विद्युत इंजन से संचालित हो रहे हैं। इससे डीजल मद में होने वाला खर्च तो बचा ही है, प्रदूषण संरक्षण में भी रेलवे अपना योगदान दे रहा है।