नई दिल्ली 04 मई 2024: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को जेनोफोबिक यानी विदेशी जनता के प्रति अत्यधिक भय या घृणा रखने वाला देश बताया। इस पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत अपनी अतिथि देवो भव: की परंपरा के लिए विश्वभर में जाना जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था किसी भी रूप में लड़खड़ाहट का सामना नहीं कर रही है।
बाइडन की टिप्पणियाँ एक फंड रेजिंग कार्यक्रम में दी गई थीं, जहाँ उन्होंने भारत के साथ-साथ चीन, रूस और जापान को भी जेनोफोबिक बताया और कहा कि इसी कारण से उनकी अर्थव्यवस्थाएं परेशानी में हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था इसलिए फल-फूल रही है क्योंकि वह अप्रवासियों का स्वागत करता है।
इस पर जयशंकर ने पलटवार करते हुए कहा, “भारत ने सदैव ही विविध समाज के लोगों का स्वागत किया है और यहां हर किसी को समान सम्मान मिलता है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।” उन्होंने आगे बताया कि भारत का इतिहास और संस्कृति अतिथि सत्कार की गहरी परंपराओं में रची-बसी है।