हेल्थ 04 मार्च 2024। दुनिया में मोटापे की समस्या को कम करने के लिए हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों, मिथकों और रोकथाम के तरीकों के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करना है। इस कारण कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। मोटापा कई बीमारियों के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है। हालाँकि, वजन कम करके भी उनके जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इससे हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मोटापे की वजह से कई बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जिनमें कई बीमारियां जानलेवा भी होती हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, जब बॉडी कैलोरी बर्न नहीं कर पाती है, तो वह फैट के रूप में शरीर में इकट्ठा होने लगता है, लेकिन जब शरीर में एडीपोड टिश्यू (बॉडी फैट) में और फैट स्टोर करने की जगह नहीं होती है, तब फैट सेल्स बड़े होने लगते हैं, जिस वजह से हार्मोनल असंतुलन और इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ने लगता है। इन वजहों से बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
हार्ट डिजीज और स्ट्रोक
मोटापे की वजह से शरीर में सूजन बढ़ने लगती है, जिसका असर हमारे ब्लड वेसल्स पर भी पड़ता है। ब्लड वेसल्स पर दबाव पड़ने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। ब्लड प्रेशर हाई होना दिल के लिए काफी हानिकारक होता है और इस कारण से हार्ट डिजीज का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इसके अलावा, मोटापे की वजह से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ने लगता है, जो आर्टिरीज को ब्लॉक कर सकता है। इस कारण से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी अधिक रहता है।
डायबिटीज
मोटापे की वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा औरों की तुलना में काफी अधिक हो जाता है। मोटापे की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ जाती है, जो इंसुलिन रेजिस्टिविटी को बढ़ा देता है। इंसुलिन रेजिस्टिविटी बढ़ने की वजह से बॉडी इंसुलिन को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाती है और शुगर लेवल काफी बढ़ने लगता है। इस वजह से डायबिटीज का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।