Operation Blue Star Anniversary : आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी है। श्री हरमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर सुबह से ही संगत उमड़ी। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस भी तैनात रही।
Operation Blue Star Anniversary : आज ऑपरेशन ब्लू स्टार को 40 साल हो गए हैं। आज ही के दिन सेना के जवानों ने स्वर्ण मंदिर पर भिंडरावाले के खिलाफ कार्रवाई की थी। उस दौरान जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) का चैप्टर तो क्लॉज हो गया। लेकिन इस ऑपरेशन के परिणाम काफी भयानक सामने आने वाले थे। सिख धर्मावलंबियों का सबसे पावन धार्मिक स्थल अकाल तख्त इस ऑपरेशन की भेंट चढ़ा था।
कौन था जरनैल सिंह भिंडरावाले
जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindrewale) का जन्म 2 जून 1947 को हुआ। तीस की उम्र में जब वह दमदमी टकसाल (सिख ग्रंथों से जुडी शिक्षा देने वाली संस्था) का लीडर बना तो उसे भिंडरावाले उपनाम मिला। लीडर बनने के कुछ महीनों बाद ही उसने पंजाब में हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया।
उसने अस्सी के दशक में आनंदपुर साहिब प्रस्ताव की मांग को तीव्र किया जिसमें पंजाब को स्वायत्तता प्रदान करने की बात थी। यानी केंद्र सिर्फ विदेश, संचार और मुद्रा मामलों में ही हस्तक्षेप कर सकती था। इस प्रस्ताव को खालिस्तान की शुरुआत के तौर पर देखा गया।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन ब्लू स्टार ?
तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने भिंडरावाले को पकड़ने और ये सब रोकने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया। हालांकि इसके परिणाम विपरीत सामने आए। लेकिन उस दौरान जरनैल सिंह को रोकना ज़रूरी हो गया था।
इस ऑपरेशन की शुरुआत 1 जून, 1984 से ही हो गई थी। सूबे में ट्रेनें, यातयात साधनों और टेलीफोन कनेक्शन भी काट दिए गए थे। 3 जून को पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया गया। और फिर आई वो तारीख जब सेना स्वर्ण मंदिर में हमला करते हुए अंदर दाखिल हुई और भिंडरवाले को मौत के घाट उतारा।
पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दूसरी तरफ ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को लेकर श्री हरि मंदिर साहिब से लेकर पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। श्री हरि मंदिर साहिब में सादे कपड़ों में पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। घंटाघर चौक स्थित श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर भी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में श्री हरिमंदिर साहिब गलियारा के चप्पे-चप्पे पर निगाह रखी जा रही है। हरिमंदिर साहिब को आने-जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस नाके लगाकर सुरक्षा को बढ़ा गया है। इसके चलते 24 से अधिक डीएसपी से लेकर एसएसपी तक के अधिकारी तैनात किए गए हैं। जबकि दो हजार से करीब पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
आखिर 6 जून को क्या-क्या हुआ था ?
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ऑपरेशन रात 10:30 बजे शुरू हुआ और सुबह (छह जून) 07:30 बजे तक चला।
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रात 10 बजे तक सेना ने दोनों इमारतों यानि होटल टेंपल व्यू और ब्रह्म बूटा अखाड़ा को नियंत्रण में ले लिए था।
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6 जून को आधी रात करीब 1:00 बजे सेना ने समुद्री हाल के अंदर प्रवेश किया।
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6 जून को सुबह लगभग 7:00 बजे सेना को टैंकों के इस्तेमाल के लिए अनुमति मिल गई
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टैंको दोबारा 80 गोली धागे गए थे जिसे अकाली तख्त को तगड़ा नुकसान पहुंचा।
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इसी दौरान भिंडरावाला भी मारा जा चुका था।
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6 जून को दोपहर तक दोनों ही परिषदों में स्थिति को अपने नियंत्रण में कर लिया था।
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जवानों को अंदर घुसकर हुक्म दिया गया कि रास्ते में आने वाले किसी भी उग्रवादी को गोली मार देनी है।
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7 जून को भिंडरावाले का शब्द सुबह 7:30 बजे क्षत-विक्षत हालत में मिला
Operation Blue Star मे कितने लोग मारे गए ?
इस ऑपरेशन में सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र के अनुसार चार अधिकारियों सहित कुल 83 जवान शहीद हुए। इसके अलावा 12 अधिकारी और 273 जवान जख्मी हुए।हालांकि, श्वेत पत्र के अनुसार कुल 516 नागरिक उग्रवादी मारे गए और 592 को पकड़ा गया। ऑपरेशन प्लस तारीख आपदा के रूप में रहा।
इसके सबसे भयावह परिणाम चार महीने बाद इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद दिल्ली दंगों के रूप में सामने आने वाले थे।