पंजाब: गठबंधन के एक दिन बाद दिखी खटास, प्रताप बाजवा बोले- दिल्ली और हरियाणा में AAP के लिए प्रचार नहीं करूंगा
पंजाब 26 फ़रवरी 2024| दिल्ली-हरियाणा और चंडीगढ़ में आप व कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है। सीटों पर भी सहमति बन गई है। मगर पंजाब में दोनों ही दल अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।इस बीच पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है.
पंजाब के दिग्गज कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने रविवार को पटियाला में बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भले ही कांग्रेस का कुछ राज्यों में लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन हो गया है लेकिन वह न हरियाणा और न ही दिल्ली कहीं भी आम आदमी पार्टी के समर्थन में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। बता दें कि प्रताप सिंह बाजवा शुरू से ही आप के साथ गठबंधन के खिलाफ थे।
कैप्टन अपनी पत्नी को टिकट दिलाने में लगे
बाजवा ने कहा कि यह पंजाब के लोगों की बड़ी बदकिस्मती है कि जिन कैप्टन अमरिंदर सिंह को दो बार सूबे का सीएम बनवाया आज संकट की घड़ी में वह किसानों के साथ खड़े होने की बजाय अपनी पत्नी को भाजपा से लोकसभा का टिकट दिलाने में लगे हैं। नौजवान घायल हालत में अस्पतालों में पड़े हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह को उनकी कोई चिंता नहीं है।
हरियाणा और चंडीगढ़ में हुआ गठबंधन, पंजाब में नहीं बनी बात
बता दें कि हरियाणा समेत पांच राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश में इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा हो गई है। सीट बंटवारे के तहत आप ने चंडीगढ़ सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी है। हरियाणा में कांग्रेस नौ व आप एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, पंजाब की सभी 13 सीटों पर दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने कुरुक्षेत्र के साथ अंबाला और सिरसा की सीट पर दावा जताया था। इसके पीछे तर्क दिया था कि यह तीनों सीटें पंजाब के साथ लगते इलाकों की हैं। पंजाब में सत्ता होने की वजह से पार्टी को यहां फायदा मिल सकता है। वहीं, कांग्रेस ने आप को गुरुग्राम या फरीदाबाद की सीट देने की पेशकश की थी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने अपना गढ़ रही कुरुक्षेत्र सीट देने के बदले चंडीगढ़ सीट को अपने पाले में रखने की शर्त रखी थी। हालांकि चंडीगढ़ को भी आप अपने पास रखना चाहती थी।