बागपत के 11 गावो में बनेगे सहकारी समितियों के गोदाम
बागपत। सहकारिता विभाग की तरफ से किसानों को गांव में ही सभी सुविधाएं मुहैया कराने पर काम किया जा रहा है, जिसमें जिले की सहकारी समितियों के 11 उपकेंद्रों के गांवों में गोदाम बनाए जाएंगे। गोदामों का निर्माण कराने के लिए डीएम ने जिले के तीनों तहसीलदारों को जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए। गांवों में सहकारी समितियों के गोदाम बनने से किसानों को गांव में ही डीएपी, यूरिया और एनपीके मिलेगा।
जिले में 244 ग्राम पंचायतें है, जहां 1.26 लाख से अधिक किसान खेतीबाड़ी करते हैं। करीब एक लाख किसान जिले में संचालित 36 सहकारी समितियों से जुड़े हुए है। फसलों की बुआई के समय सहकारी समितियों पर किसानों को डीएपी, यूरिया, एनपीके समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। डीएपी, यूरिया, एनपीके खरीदने के लिए किसानों को कई किमी दूर दूसरे गांवों में जाना पड़ता है।
किसानों की समस्याओं को देखते हुए सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने समितियों के उपकेंद्र वाले गांवों में सहकारी समिति का गोदाम बनाने की तैयारी की है। इसके लिए निशुल्क जमीन का चयन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। साथ ही चिह्नित गांवों की सूची डीएम को भेजकर निशुल्क जमीन दिलाने की मांग की। इसके चलते डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिले के तीनों तहसीलदारों को चिह्नित गांवों में सहकारी समितियों के गोदाम के लिए निशुल्क जमीन का चयन करने के निर्देश दिए। इन 11 गांवों में सहकारी समिति का गोदाम बनने से किसानों को दूसरे गांवों में जाने से राहत मिलेगी।
इन गांवों में तलाशी जा रही जमीन
सहकारिता के अधिकारियों ने बूढ़पुर, अशरफाबाद थल, लूंब, जौहड़ी, सिलाना, खेकड़ा, सुन्हैड़ा, गौरीपुर, चमरावल, हिसावदा और बुढ़सैनी गांव में 100 मीट्रिक टन का गोदाम बनाने के लिए जमीन की तलाश शुरू कराई है।
वर्जन
14 उपकेंद्रों का गोदाम का निर्माण कराने के लिए चयन हुआ, जिसमें तीन गांवों में पहले से ही समिति के पास जमीन उपलब्ध है। जिसके चलते 11 गांवों में जमीन की तलाश कराई जा रही है। निशुल्क जमीन मिलने के बाद राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शासन को प्रस्ताव भेजकर धनराशि की मांग की जाएगी। बजट मिलते ही गोदामों का निर्माण करा दिया जाएगा।