विधायक और मंत्रियों भी घरों में सफाई तो चाहिए, लेकिन सफाई कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं
पिछले एक महीने से सड़कों पर हाय-हाय कर रहे हैं सफाई कर्मचारी
गुरुग्राम 9 अक्टूबर। प्रातः सुबह दिन निकलते ही गुरुग्राम के सफाई कर्मचारियों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर गुरुग्राम का वीआईपी रोड सिविल लाइन पर अपना डेरा डाल दिया जिससे सिविल लाइन से गुरुग्राम राजीव चौक जाने वाले वहां जाम में फंस गए इतना ही नहीं सफाई कर्मचारियों के सड़कों पर बैठने से सिविल लाइन में रहने वाले अधिकारी भी घरों में छुप गए और इधर-उधर से निकलते दिखाई दिए। नगर निगम कमिश्नर के निवास को विचारों तरफ से घेर लिया और कमिश्नर के सुरक्षा कर्मचारी अंदर दीवार के साथ से सफाई कर्मचारियों के धरने को झांक कर देखे नजर आए।
अधिकारी अपने सरकारी निवास की दीवारों से सफाई कर्मचारियों को सड़कों पर बैठा देख इधर-उधर गेट से निकलने लगे
जानकारी के अनुसार गुरुग्राम नगर निगम के सफाई कर्मचारी पिछले 1 महीने से अधिक समय से अपनी वापसी नौकरी के लिए कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए निकल गए कर्मचारियों को वापस रखने के लिए पिछले 1 महीने से सड़कों पर हाय-हाय कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है आखिरकार सोमवार सुबह प्रातः दिन निकलते ही सैकड़ो में कर्मचारी नगर निगम कमिश्नर पीसी मीणा के निवास पर पहुंचे और उनके निवास के सामने धरने पर बैठ गए वहीं सिविल लाइन में आसपास में अधिकारी अपने सरकारी निवास की दीवारों से सफाई कर्मचारियों को सड़कों पर बैठा देख इधर-उधर गेट से निकलने लगे पुलिस प्रशासन को जैसे ही भनक पड़ी भारी संख्या में पुलिस प्रशासन के जवान पहुंचे लेकिन कर्मचारी सड़कों पर ही टेंट लगाकर बैठ गए।
गुरुग्राम विधायक, बादशाहपुर विधायक से मिलने के बाद भी सफाई कर्मचारियों का समाधान नहीं।
सफाई कर्मचारी 2 दिन से लगातार गुरुग्राम के सत्ताधारी विधायक सुधीर सिंगला के निवास के सामने बैठे रहे लेकिन विधायक प्रातः 5:00 बजे घर से गायब हो जाते थे लेकिन सफाई कर्मचारियों से नहीं मिले और सफाई कर्मचारी उनके निवास के सामने हाय-हाय करते रहे मगर विधायक सुधीर सिंगला ने सफाई कर्मचारियों के सामने जाने की हिम्मत तक नहीं उठा पाई। वही बादशाहपुर के निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे और सरकार में चेयरमैन राकेश दौलताबाद के निवास पर भी पहुंचे लेकिन विधायक राकेश दौलताबाद सफाई कर्मचारियों से मिले और आश्वासन दिया कि उनकी मांग को हुए प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और प्रयास करेंगे कि उनकी समस्या का समाधान जल्द हो।
क्यों नहीं मिलना चाहते अधिकारी और सत्ता में बैठे विधायक सफाई कर्मचारियों से
विधायक और सत्ता में बैठे अधिकारियों के घर एवं गलियों की सफाई करने वाले कर्मचारियों से आखिरकार क्यों नाराज है सत्ता में बैठे अधिकारी विधायक मंत्री क्यों नहीं उनकी समस्या का समाधान किया जाता जबकि भी उनके घरों के सामने झाड़ू से सफाई करते हैं कचरा उठाते हैं इसके बावजूद भी वे अपनी मांग को लिए सड़कों पर हाय-हाय करते नजर आते हैं गुरुग्राम में ही नहीं प्रदेश भर में कर्मचारी सड़कों पर है चाहे नगर निगम के हो या आशा वर्कर सरकार को सभी कर्मचारी कोर्स रहे हैं मगर सरकार में बैठे अधिकारी आंख बंद किए हुए हैं सत्ताधारी विधायक और मंत्रियों को भी घरों में सफाई तो चाहिए लेकिन सफाई कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं करना चाहते।